GW 547 Wheat Variety: रोग प्रतिरोधी किस्म से होगा बंपर उत्पादन, चपाती के लिए उत्तम, जानें खासियत
GW 547 Wheat Variety एक नई रोग प्रतिरोधी गेहूं किस्म है, जो उच्च उपज और उत्कृष्ट चपाती गुणवत्ता प्रदान करती है। जानें इसकी खासियत और उत्पादन क्षमता।
GW 547 Wheat Variety: रोग प्रतिरोधी किस्म से होगा बंपर उत्पादन, चपाती के लिए उत्तम, जानें खासियत
GW 547 Wheat Variety: GW 547 गेहूं की नई किस्म: किसानों के लिए एक नई खुशखबरी है! कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक नई किस्म, GW 547 Wheat Variety, विकसित की है जो न केवल रोग प्रतिरोधी है बल्कि बंपर उत्पादन भी देगी। इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने विकसित किया है और इसे चपाती और ब्रेड बनाने के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। खासतौर पर इस बार की अच्छी बारिश के बाद, रबी की फसल में गेहूं की बुवाई अधिक होने की संभावना है। ऐसे में किसान अगर इस नई किस्म का चुनाव करते हैं, तो उन्हें अधिक लाभ हो सकता है।
GW 547 गेहूं की किस्म की खासियत
इस गेहूं की किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने विकसित किया है, जो भारत के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। इसे विकसित करने में डॉ. जी. पी. सिंह, डॉ. एस. के. विजय, और डॉ. एस. एस. होसैन जैसे प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिकों का योगदान है। यह किस्म उच्च उपज देने के साथ-साथ विभिन्न रोगों के प्रति भी प्रतिरोधी है।
GW 547 की प्रमुख विशेषताएं:
रोग प्रतिरोधक क्षमता: GW 547 किस्म में स्टेम रस्ट और लीफ रस्ट जैसी बीमारियों के प्रति उच्च स्तर की प्रतिरोधकता है। साथ ही, यह गर्मी और सूखे की स्थिति में भी टिकाऊ है।
पौष्टिक गुण: इस किस्म में आयरन (39.8 PPM) और ज़िंक (40.5 PPM) जैसे आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसकी प्रोटीन सामग्री 12.6% पोषण से भरपूर होती है।
उत्तम गुणवत्ता: इस किस्म की चपाती गुणवत्ता 8.2/10 के उच्च स्कोर के साथ उत्कृष्ट है। यह बाजार में अच्छा भाव पाने वाली किस्मों में गिनी जा रही है।
GW 547 की उत्पादन क्षमता
GW 547 किस्म में किसानों को औसतन 58.20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है, जबकि सही कृषि प्रबंधन के तहत इसकी अधिकतम उपज 78 से 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है। इस किस्म को 4 से 5 सिंचाई की आवश्यकता होती है।
GW 547: चपाती और ब्रेड के लिए उत्तम
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, GW 547 किस्म को चपाती और ब्रेड बनाने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। इसकी उच्च गुणवत्ता और पोषण तत्वों के कारण यह बाजार में भी अच्छा भाव प्राप्त कर सकती है।
अन्य गेहूं की किस्में
GW 547 के साथ ही, भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान केंद्र, इंदौर ने मध्य भारत के लिए कुल 5 गेहूं की किस्मों को पहचाना है। इनमें NWS 2194, DBW 359, CG 1040, DBW 377 जैसी किस्में भी शामिल हैं। इन सभी किस्मों से किसानों को उत्पादन में वृद्धि और अधिक लाभ की उम्मीद है।
GW 547 की बुवाई और उर्वरक प्रबंधन
इस किस्म की बुवाई के एक महीने पहले खेतों में 8-10 टन प्रति हेक्टेयर सड़ी हुई गोबर की खाद डालनी चाहिए। इससे पैदावार में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा, बुवाई के समय प्रति हेक्टेयर 60 किलो नाइट्रोजन और 30 किलो फॉस्फोरस देने से उत्पादन में सुधार होता है।